मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि हर जिले में पर्याप्त पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सार्वजनिक प्याऊ शुरू किए जाएं और प्राचीन जल संरचनाएं को पुनर्जीवित करके उन्हें अतिक्रमण से बचाया जाए। मुख्यमंत्री शनिवार को सीएम आवास में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जल गंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा का रहे थे।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 1.06 लाख जल दूत तैयार किए गए हैं, जो जल स्रोतों के प्रति जन-जागरूकता का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अभियान के काम देखने विभिन्न जिलों में जाएंगे। डॉ. यादव ने कहा कि स्थापत्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण जल संरचनाओं की सूची तैयार की जाए।
पुरातत्व और पर्यटन महत्व की ऐसी धरोहर को संरक्षण गतिविधियों से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि बालाघाट जिले में 561 खेत तालाब बनाकर पहले नंबर पर तो अनूपपुर 275 ऐसी जल संरचनाएं बनाकर दूसरे और अलीराजपुर 216 खेत तालाब बनाकर तीसरे नंबर पर है। उन्होंने प्रदेश में नदियों को जोड़ने की संभावना देखी जाए। बैठक में बताया गया कि भोपाल में कलियासोत से काम शुरू हुआ है।
भोपाल गौरव दिवस पर हो ड्रोन शो : मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा 55 जिलों की जल संरचनाओं पर केंद्रित डिजिटल डाटाबेस का प्रदर्शन 27 अप्रैल को इंदौर में होने वाली आईटी कॉन्क्लेव में होगा। इसमें मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। जनकल्याण कार्यक्रमों की समीक्षा में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि भोपाल गौरव दिवस पर ड्रोन शो आयोजित किया जाए।