सरकार को लगता है कि कुछ चीनी कंपनियां सरकार पर दबाव बना रही हैं। ये कंपनियां भारत में अपना कारोबार बढ़ाना चाहती हैं, लेकिन सरकार उन्हें मंजूरी नहीं दे रही है। इसलिए ये कंपनियां अपनी हिस्सेदारी भारतीय कंपनियों को बेच रही हैं। सरकार का मानना है कि ये सब दबाव बनाने की रणनीति है। कुल मिलाकर सरकार चीन से आने वाले निवेश को लेकर बहुत सतर्क है। वह हर कदम सोच-समझकर उठाना चाहती है। सरकार को लगता है कि चीन की कंपनियों पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता। इसलिए फिलहाल निवेश के नियमों में कोई बदलाव होने की संभावना नहीं है।