रेसिप्रोकल टैरिफ में 90 दिन की मोहलत वियतनाम को भी मिली है। इसलिए उद्योग चाहता है कि सरकार जल्दी और सही फैसले ले। ICEA के चेयरमैन पंकज मोहिन्द्रू ने कहा कि अगर इस मौके का फायदा उठाने में देरी हुई, तो कंपनियां किसी और देश में चली जाएंगी, जहां उन्हें तुरंत फायदा मिल सके। उद्योग के लोगों का कहना है कि भारत को निवेश आकर्षित करने के लिए कुछ कमियों को दूर करना होगा। अभी वियतनाम और भारत दोनों को अमेरिका में सामान बेचने पर 10% टैक्स देना होता है। लेकिन वियतनाम की स्थिति ज्यादा अच्छी है। वहां ज्यादातर चीजों पर बहुत कम टैक्स लगता है। इसलिए वहां मैन्युफैक्चरिंग करना आसान है।