प्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा (राप्रसे) के अफसरों को जिला पंचायत में सीईओ और जिलों में अपर कलेक्टर पद पर पोस्टिंग नहीं मिल पा रही है। इन पदों पर आईएएस अफसरों की तैनाती है या फिर प्रभारियों के सहारे काम चलाया जा रहा है। इसके चलते 28 पद स्वीकृत होने के बावजूद राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को मौका नहीं मिल पा रहा है। 27 दिसंबर को राप्रसे अधिकारियों ने सीएम मोहन यादव से मुलाकात कर इस संबंध में चर्चा की थी।
सात साल से राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों का कैडर रिव्यू भी नहीं हुआ है। इसके कारण प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पदस्थ इस कैडर के अफसरों पर वर्क लोड बढ़ रहा है। नए पद नहीं बढ़ने पर संघ ने मुख्यमंत्री से कैडर रिव्यू कराने की मांग भी की है। सीएम से राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए जल्द डीपीसी कराने की मांग भी की गई है।
विभागीय पदोन्नति के लिए साल भर में दो बार हो बैठक
राप्रसे सेवा संघ के अफसरों ने राज्य प्रशासनिक सेवा संवर्ग में क्रमोन्नति के लिए एक साल में दो बार जनवरी और जुलाई में डीपीसी बैठक कराने की मांग की है। संघ के अफसरों ने कैडर रिव्यू की मांग भी सरकार से की है और कहा है कि कैडर रिव्यू सात साल से नहीं हुआ है। 2018 में हुए कैडर रिव्यू में 99 पद स्वीकृत किए गए थे। इसके बाद कई राजस्व अनुविभाग बने हैं, लेकिन नए पदों का सृजन नहीं होने से सेवा संवर्ग के अफसरों की कमी बनी हुई है। इसलिए कैडर रिव्यू किया जाए। ताकि जरूरत के आधार पर राज्य प्रशासनिक सेवा के पदों की कमी की भरपाई की जा सके।