भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के गोदाम में रखा 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा 12 कंटेनर में एक साथ पीथमपुर ले जाया जाएगा। इसके लिए 250Km लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनेगा, कचरे को जंबू बैग में भरने का काम सोमवार को पूरा हो गया। देर रात इन बैग्स को कंटेनर में लोड करना भी शुरू कर दिया गया।
इस प्रक्रिया में लगभग 24 घंटे लगने की संभावना है। मंगलवार रात या बुधवार तक ये कंटेनर भोपाल से पीथमपुर के लिए रवाना हो सकते हैं।
अफसरों का कहना है कि जहरीले कचरे को कंटेनर में भरने के दौरान छोटी सी चूक बड़ी तबाही ला सकती है, इसलिए वे सभी गाइडलाइन फॉलो कर रहे हैं, जो जरूरी है। इधर, कचरे को पीथमपुर में जलाने को लेकर विरोध प्रदर्शन भी हो रहा है। यहां के कई लोग दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस भी प्रदर्शन कर चुकी है।
जहरीला कचरे को यूका से ले जाने की तैयारी रविवार दोपहर से शुरू हुई थी। 1 कंटेनर में एवरेज 30 टन कचरा भरा जा रहा है। 200 से ज्यादा मजदूर कचरा भरने में जुटे हैं, लेकिन उनकी 8 घंटे की बजाय 30 मिनट की शिफ्ट लगाई गई है। हर मजदूर की जेब में ब्लड प्रेशर मॉनिटर है। हर मजदूर पीपीई किट और दस्ताने पहनकर कचरा भर रहा है। घबराहट होते ही तुरंत काम रोका जा रहा है। पूरी प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी भी कराई जा रही है।
10 से ज्यादा संगठनों ने किया 3 जनवरी को बंद का आह्वान कचरा जलाने के विरोध में 10 से ज्यादा संगठनों ने 3 जनवरी को पीथमपुर बंद का आह्वान किया है। पीथमपुर क्षेत्र रक्षा मंच, पीथमपुर ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति, मप्र किसान सभा सहित कई संगठनों का कहना है, भोपाल का कचरा अमेरिका भेजा जाए। वहीं पीथमपुर बचाओ समिति 2 जनवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की तैयारी में है।
इंदौर के डॉक्टर्स ने हाईकोर्ट में लगाई याचिका इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल एल्युमिनी एसोसिएशन ने पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा जलाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। एसोसिएशन के सदस्य डॉ. संजय लोंढ़े व अन्य सदस्यों द्वारा लगाई गई इस याचिका में बिना ट्रायल और रिसर्च के कचरा निपटान पर सवाल उठाए हैं। स्थानीय नागरिकों ने भी इसका विरोध किया है।