प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट में भोपाल के डॉ. श्याम अग्रवाल और आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के बीच करीबी कारोबारी रिश्तों के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है। 8 अप्रैल को भोपाल की ईडी कोर्ट में पेश चार्जशीट के अनुसार डॉ. अग्रवाल ने सौरभ एंड कंपनी को फंडिंग के नाम पर करोड़ों रुपए दिए थे।
चार्जशीट के अनुसार आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की कमाई के कारोबार में सहभागी बने भोपाल के नवोदय कैंसर हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के संचालक श्याम अग्रवाल ने सौरभ एंड कम्पनी को साढ़े छह करोड़ रुपए दिए थे। इसके अलावा सौरभ शर्मा ने पुणे की मनो-दीप नागरिक सहकारी पत-संस्थान में पांच दिन के भीतर करीब तीन करोड़ रुपए जमा किए थे।
चार्जशीट की पड़ताल में सामने आया कि नवोदय कैंसर एंड रिसर्च सेंटर के संचालक डॉ. श्याम अग्रवाल ने सौरभ की कम्पनी अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को फंडिंग की थी। डॉ. अग्रवाल ने ईडी को दिए बयान में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए फंडिंग करने की जानकारी दी थी। हालांकि ईडी ने जब डॉ. अग्रवाल के बयान की पुष्टि के लिए सौरभ की कंपनी के खाते खंगाले तो पता चला कि दोनों के बीच बगैर किसी तरह की लिखा-पढ़ी के करोड़ों रुपए का लेन-देन हुआ था। इसके बाद ईडी ने डॉ. श्याम अग्रवाल के इंद्रपुरी स्थित आवास पर छापेमारी भी की थी। अग्रवाल ने अविरल बिल्डिंग कम्पनी में पांच करोड़ और शरद जायसवाल के खाते में डेढ़ करोड़ रुपए जमा किए गए थे।
पुणे की मनो-दीप नागरिक सहकारी बैंक में भी तीन करोड़ जमा
सौरभ शर्मा ने पुणे की मनो-दीप नागरिक सहकारी पत-संस्थान नामक बैंक में दो करोड़ 99 लाख 95 हजार रुपए जमा किए थे। ईडी ने इसी के चलते जिस दिन डॉ श्याम अग्रवाल के यहां छापेमारी की उसी दिन पुणे के इस बैंक में भी छापा मारा था। इसके अकाउंट की डिटेल से पता चला है कि सौरभ शर्मा ने 3 अक्टूबर 2023 से 7 अक्टूबर 2023 के बीच यहां 10 बार में दो करोड़ 99 लाख 95 हजार रुपए जमा किए थे। ईडी की जांच में यह बात भी सामने आई है कि सौरभ के पास अवैध स्त्रोत से इतना पैसा आ रहा था कि वह राशि को ठिकाने लगाने के सही तरीके भी तय नहीं कर पा रहा था।